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Tuesday, April 30, 2013

बस यूँ ही

किसी के आने की उम्मीद से किसी के ना आने का विश्वास अच्छा है ,
हर दिन नयी बात पर रोने से पुरानी यादों पर आंसू बहाना अच्छा है ,
कुछ पल की ख़ुशी और फिर हमेशा के दुःख से हर पल ना मुस्कुराना अच्छा है ,
यारों की मेह्फ़िल में बदनाम होने से गैरों के साथ तबाह हो जाना अच्छा है ,
जो दो पल साथ ना दे सके ऐसे यार से बे-यार हो जाना अच्छा है,
कुछ झूठे कस्मे वादों से बेगैरत हो जाना अच्छा है,
बे-आबरू होक तेरे कूँचे से निकलने से खुद मर जाना अच्छा है ,
बेवफ़ा अब फिर तुझे खोने से खुद खो जाना अच्छा है ।

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